आदमी और औरत

आदमी और औरत

उसकी हर वक़्त एक ही मुराद है, मैं उसके करीब रहा करुं, उसके पास ही बैठा रहूं.. और मैं वो नहीं हूँ जो उसके हर मुरादों को पूरा करता हूँ, मैं अक्सर अपने काम में ब्यस्त रहता हूँ,और ये सोचता हूँ,के मेरा काम ही है जो उसकी हर ख्वाहिसों को पूरा करता है. वो अक्सर किसी बात से...