Waqt apna kaam apne tareeke se karta hai

Waqt apna kaam apne tareeke se karta hai

,ख्वाब देखे, मेहनत किए,कई रात जागे उनको पूरा करने के लिए, कम, ज़्यादा जो भी मिला,खुदा का शुक्रिया करता चला, एक सुबहा नींद खुली,हम ने खुदको हवा मैं तैरता पाया, चीखा, चिल्लाया..हर किसिको बुलाया,कई कोशिशे किए,मुस्कुराने की, रोने की… किसी को केहदे…के, मेरे इस...
Bahar khada ek anjaan dushman hai!

Bahar khada ek anjaan dushman hai!

ख़ौफ़ का साया है हर तरफ,बंद दीवारों मैं समेट्ले तू ख्वाहिशें! बेखौफ़ घूम रहे है मौत के दरिंदे,लड़ रहा है, कब तक लड़ेगा रक्षक! खुदा चुप बैठा है मंदिर के दरवाज़े बंद किए,किस्मत के भरोसे बैठा है हर अकेला! लड़ नहीं पाएगा तू उस अंजान दुश्मन से,लाचार है हर हतियारबेजान है...
Raah itni lambi hai ke..

Raah itni lambi hai ke..

Raah itni lambi hai ke, manzil ki chaah mitt jaati hai, waqt ki aandhi me, apne saath chood jaate hai, Tu tu aur main main me, umar guzar jati hai, sochte hain kuch faryaad na kare, lekin khwaab hi itne unche hai, ke aankh band karte hi raatein beet jaate hai…...
Nani, kaunsi nagar main tu jaane wali hai

Nani, kaunsi nagar main tu jaane wali hai

एक दिया जल रहा है, चारो तरफ अँधेरा है, नजाने कौनसी नगर में नानी तू जाने वाली है, कोई सर झुकाये बैठा है, कोई आंसू बहाये बैठा है, कोई तेरे लिए बिस्तर बांध रहा है, नजाने कौनसी नगर में नानी तू जाने वाली है, अँधेरा बढ़ता जा रहा है, तू चुपचाप चादर लपेटे सोई है, अकेली घरसे...
Nani: एक सांझ, एक सुबह थी तू,

Nani: एक सांझ, एक सुबह थी तू,

एक सांझ, एक सुबह थी तू,एक पोटली भरी कहानी थी तू,गावं की गलिओं की धुल,और दो पहर की धुप थी तू,बचपन की यादों को अपने साथ ले गयी है तू,चौखट पे पोहंच के जब किसीसे पूछता हूँ,कहाँ है तू,भीगी हुई पलकों में दो बूँद आंसू बन के बह जाती है तू,रातों की गलिओं में लोरिओं की गूँज बन...