उसकी हर वक़्त एक ही मुराद है,
मैं उसके करीब रहा करुं, उसके पास ही बैठा रहूं..
और मैं वो नहीं हूँ जो उसके हर मुरादों को पूरा करता हूँ,
मैं अक्सर अपने काम में ब्यस्त रहता हूँ,
और ये सोचता हूँ,
के मेरा काम ही है जो उसकी हर ख्वाहिसों को पूरा करता है.
वो अक्सर किसी बात से बिगड़ जाती है,
और रोते हुए कहती है, के मैं बदल गया हू।
कभी कभी बात आगे बढ़ जाती है,
बेतुकी सी अनचाही अनबन हो जाती है..
एक दो दिन के लिए दोनों बिछड़ जाते है,
मैं अपने रोष मैं रहता हूँ, मैं कुछ नहीं कहता हूँ,
क्यों के मैं एक आदमी हूँ!
पर वो आके मुझसे छोटी छोटी मुलाकाते करती है,
मेरा वैसे ही ख्याल रखती है,
आपने पानी पिया? खाना खाया?
बच्ची रो रही है, थोड़ा उसके साथ खेलदो,
मैं अपना काम ख़तम करके आती हूँ,
गुस्सा ना करो, मैं थोड़ा ज्यादा बोल दी ना?
आगे से ध्यान रखूंगी, मैं रात भर सो नहीं पायी,
आप दुखी मत हो, मैं अपने आपको संभाल लूंगीं.
और वो वैसे ही साधारण सी हो जाती है!!
क्यों के वो औरत है!
और ये कहावत याद करके फिर मैं अपने आप ही सेहम जाता हूँ,
की घर में बर्तन है तो आवाज़ आएगी ही!
पर कबतक?
मैं मानता हूँ,
के हाँ मैं बदल गया हूँ,
क्यों के, मेरी जिम्मेदारी बढ़ गयी हे।
मेरी जरूरते बढ़ गयी ।
पर किसके लिए…?
the Light of My Learning
The sources of life keep me alive, Uncertain paths lie ahead, for I'm still a young soul. Sometimes I feel lost, like a little boat. I met a breeze, gentle and wise, Whispering renewal, I felt revived. They promised to shield me, to grant my heart’s desire. and always...
The #HopeOfLife
Dr. Sulagna the #HopeOfLife In childhood's gaze, we sought the stars on high, Yearning to touch them, reach the cosmic sky. Little did we know, stars would grace our Earth, Connecting with them, in life's wondrous rebirth. My mother granted life, a gift profound, Yet,...
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वो दर्द कौनसा होगा जो तेरे अंदर तड़पता होगा,वो शख्स कौन होगा जो तुझे ज़ख्मी छोड़ गया होगा|तूने मुश्कूराते हुए कइयों को ज़िंदगी दिया होगा,आज तू खामोश रहके कइयों को रुला दिया होगा|...
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,ख्वाब देखे, मेहनत किए,कई रात जागे उनको पूरा करने के लिए, कम, ज़्यादा जो भी मिला,खुदा का शुक्रिया करता चला, एक सुबहा नींद खुली,हम ने खुदको हवा मैं तैरता पाया, चीखा, चिल्लाया..हर किसिको बुलाया,कई कोशिशे किए,मुस्कुराने की, रोने की... किसी को केहदे...के, मेरे इस बेजान...
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ख़ौफ़ का साया है हर तरफ,बंद दीवारों मैं समेट्ले तू ख्वाहिशें! बेखौफ़ घूम रहे है मौत के दरिंदे,लड़ रहा है, कब तक लड़ेगा रक्षक! खुदा चुप बैठा है मंदिर के दरवाज़े बंद किए,किस्मत के भरोसे बैठा है हर अकेला! लड़ नहीं पाएगा तू उस अंजान दुश्मन से,लाचार है हर हतियारबेजान है...
Raah itni lambi hai ke..
Raah itni lambi hai ke, manzil ki chaah mitt jaati hai, waqt ki aandhi me, apne saath chood jaate hai, Tu tu aur main main me, umar guzar jati hai, sochte hain kuch faryaad na kare, lekin khwaab hi itne unche hai, ke aankh band karte hi raatein beet jaate hai...
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एक दिया जल रहा है, चारो तरफ अँधेरा है, नजाने कौनसी नगर में नानी तू जाने वाली है, कोई सर झुकाये बैठा है, कोई आंसू बहाये बैठा है, कोई तेरे लिए बिस्तर बांध रहा है, नजाने कौनसी नगर में नानी तू जाने वाली है, अँधेरा बढ़ता जा रहा है, तू चुपचाप चादर लपेटे सोई है, अकेली घरसे...
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एक सांझ, एक सुबह थी तू,एक पोटली भरी कहानी थी तू,गावं की गलिओं की धुल,और दो पहर की धुप थी तू,बचपन की यादों को अपने साथ ले गयी है तू,चौखट पे पोहंच के जब किसीसे पूछता हूँ,कहाँ है तू,भीगी हुई पलकों में दो बूँद आंसू बन के बह जाती है तू,रातों की गलिओं में लोरिओं की गूँज बन...
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Raah chalte ek saksh ne kuch iss tarah kaha, ke aaj ke zindegi me; main daroo ko haath na lagaoonga, yeh baat meri jehan me baith gayi, aur sochne ko mazboor kargayi, ke ek saraabi ke liye, aaj ki aur kal ki zondegi main antar hi kya hai! baat aisi hai, ke wo...